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सोमवार, 17 जुलाई 2023

इस पोस्ट में एक बहुत सुंदर भजन/Lyrics देवकीनंदन ठाकुर जी के मधुर स्वर में "एक दिन वो भोले भंडारी बनके ब्रिज की नारी" भजन जो फिल्मी धुन पर आधारित है, फिल्म: हीर-रांझा से "मिलो न तुम तो हम घबराए मिलो तो आंख चुराए हमें क्या हो गया है" के धुन पर (इक दिन वो भोले भंडारी भजन लिरिक्स ek din vo bhole bhandari bhajan lyrics) जो आप लोगों के द्वारा यूट्यूब पर काफी पसंद किया गया है आपको भी जरूर पसंद आएगा पसंद आए तो अपने मित्रों को जरूर शेयर करें साथ ही आपकी कोई सुझाव है तो कॉमेंट में हमें बताएं।

इक दिन वो भोले भंडारी,
बन करके ब्रिज नारी,
गोकुल में आ गए हैं,
गोकुल में आ गए हैं..

पार्वती भी मना के हारी,
ना माने त्रिपुरारी,
गोकुल में आ गए,
गोकुल में आ गए,
इक दिन वो भोले भंडारी..

पार्वती से बोले,
मैं भी चलूँगा तेरे संग में,
राधा संग श्याम नाचे,
नाचूँगा मैं भी तेरे संग में,
रास रचेगा ब्रिज मैं भारी,
हमे दिखादो प्यारी,
गोकुल में आ गए,
गोकुल में आ गए,
इक दिन वो भोले भंडारी..

ओ मेरे भोले स्वामी,
कैसे ले जाऊं अपने साथ में,
मोहन के सिवा कोई,
पुरुष ना जाए उस रात में,
हंसी करेगी ब्रिज की नारी,
मानो बात हमारी,
गोकुल में आ गए,
गोकुल में आ गए,
इक दिन वो भोले भंडारी..

ऐसा बना दो मुझको,
कोई ना जाने इस राज को,
मैं हूँ सहेली तेरी,
ऐसा बताना ब्रिज राज को,
बना के जुड़ा पहन के साड़ी,
चाल चले मतवाली,
गोकुल में आ गए,
गोकुल में आ गए,
इक दिन वो भोले भंडारी..

देखा जो मोहन ने तो,
समझ गये वो सारी बात रे,
ऐसी बजाई मुरली,
सुध बुध भूले भोलेनाथ रे,
सिर से खिसक गयी जब साड़ी,
मुस्काये गिरधारी,
गोकुल में आ गए,
गोकुल में आ गए,
इक दिन वो भोले भंडारी..


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