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सोमवार, 1 मई 2023


संभालो बाबा मेरी पतवार,
बीच भवर में डगमग डोले,
ले चलो इसे भव पार,
संभालो बाबा मेरी पतवार,

कन्हैया कहां मैं जाऊं,
और किसको मैं भलाऊं,
तुम्हारे बीन ना कोई,
जिसे मैं दर्द सुनाऊं,
छूट गए सब रिश्ते नाते,
सब ने लगाई फटकार,
संभालो बाबा मेरी पतवार,

अकेला जब मैं रोता,
मैं अपने आपा खोता,
तमन्ना एक ही होती,
काश तेरी गोद में सोता,
लोरी तेरे भजनों की सुन सुन
बहती आशुवन धार,
संभालो बाबा मेरी पतवार,

विपदा जब जब आती,
ये मोर छड़ी  लहराती,
लीले पर चढ़कर आए,
सभी आफत घबराती,
कैसे चुकाए कर्जा है मद,
किए बड़े उपकार,
संभालो बाबा मेरी पतवार,


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